मेरी पहली विदेश यात्रा मलेशिया ( पेनांग )

                                           मेरी पहली विदेश यात्रा मलेशिया

जब मैं घर से चला  था तभी से बहुत ही उत्साहित था।मगर साथ मे परेशान भी था। कि मेरी पहली विदेश यात्रा कैसी रहेगी ,लोग कैसे होंगे ,खाना कैसा होगा वगेरा -वगेरा । जब मैं अपने एक अध्यापक श्री सत्यबीर जी के घर गया वहाँ से मैं ओर मेरे गुरुजी का छोटा लड़का विजय , हम दोनों ही एक साथ दिल्ली के इंटरनेशनल एयर पोर्ट गए थे । ओर बेहद खुसी कि बात तो ये थी कि हम दोनों को एयर पोर्ट तक छोडने के लिए मेरे गुरु जी ओर उनका बड़ा लड़का अजय  दोनों ही आए । ओर हमने वहाँ गुरु जी  व अजय के साथ फोटो खींचे।


मैंने यहाँ अपने गुरु जी के साथ वाला वाला ही फोटो दिखाया हैं । हम सभी बहुत ही खुश थे , ओर सबसे ज्यादा मैं खुश था क्योंकि मैं पहली बार विदेश कि यात्रा कर रहा था । मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था , हम एयरपोर्ट पर 21 अप्रैल 2019 को 7:50 pm पर पहुंचे , मगर हमारी Air Asia की Flight 11:30 pm की थी । एयरपोर्ट पर भीड़ बहुत ज्यादा थी ,हम वहाँ चेकिंग की पंक्ति मे खड़े थे ओर काउंटर पर जाने के लिए अपने नंबर की प्रतीक्षा कर  रहे थे । हमारा नंबर लगभग 10:00 pm पर आया , हमने वहाँ से बोर्डिंग पास लिए ओर हम अपनी Flight के लिए चल दिये । Flight काउंटर पर जाने के लिए हमे लगभग 40 मिनिट लग गए । कुछ देर बाद Flight मे जाने के लिए बोर्डिंग पास चेक करने लगे , ओर हम लाइन  से अपने बोर्डिंग पास  चेक कराते गए ओर Flight मे बैठते गए , 11:15 पर हम Flight मे बैठ गए थे ।हमारी Flight को 11:30 पर उड़ान भरनी थी मगर अपने सही समय पर उड़ान नहीं भर पाई । लेकिन कुछ देरी के साथ 12:15 am पर दिल्ली से  Kuala Lumpur Malaysia के लिए उड़ान भरी । रात का समय था इसी कारण खिड़की से कुछ दिखाई नही दे रहा था। अचानक पाइलेट की माइक से आवाज आती हैं , हमारा जहाज जमीन से लगभग 30000 से 40000 फिट की उचाई पर उड़ रहा हैं ,आपकी यात्रा मंगलमय हो ......... मैं बहुत ही उत्साहित था । इससे पहले मैंने कभी भी इंटरनेशनल हवाई जहाज मे यात्रा नहीं की ,लेकिन नेशनल मे मैं कई बार कर चुका था । यह मेरी पहली यात्रा है । ये 6 घंटे की लंबी यात्रा थी । मैं ओर विजय जो मेरे बिलकुल पास वाली सीट पर बैठा हुआ था , हम दोनों आपस मे  बात कर कर रहे थे , विजय ने कहा कि अब कुछ ही देर मे खाना आएगा ओर खाना खाके हम सो जाएंगे । मैंने विजय से पूछा खाना अब 1 बजने वाला हैं , अब कैसा खाना आएगा भाई । विजय ने कहा कुछ तो देंगे ही मगर कैसा होगा मुझे मालूम नहीं , मैंने कहा जैसा भी होगा खा लेंगे । फिर विजय ने कहा ठीक हैं । तभी एयर होस्टेस सभी को खाना देने लगी , जब हमारे पास आई तो उसने हमे एक पानी कि बोतल ओर एक बॉक्स जिसमे मलेशिया खाना था । बॉक्स मे चावल खिचड़ी जैसा कुछ था,  मगर  उसमे कोई स्वाद नहीं था । उस खाने मे नमक ओर मिर्च का कोई नाम ही नहीं था । हमने उसे बहुत ही मुश्किल से खाया । हमने कभी सोचा नहीं था कि ऐसा भी खाना होता हैं । खाना ऐसा था कि उसे खाकर मुझे नींद भी नहीं आई ओर मैं पुरी रात सोचता रहा । कि मलेशिया में भी ऐसा खाना अगर होटल मे मिला तो सात दिन तक हम कैसे रहेंगे। मुझे जगे हुए 2 घंटे हो गए थे कि अचानक विजय अपनी नींद से जागा । मैंने पूछा भाई खाना कैसा था ,क्या मलेशिया मे होटल मे भी ऐसा खाना मिलेगा । विजय ने कहा नहीं भाई होटल मे ऐसा खाना नहीं मिलेगा । विजय कि ये बात सुनकर मुझे कुछ राहत मिली । फिर मैंने विजय से कहा चलो ये तो अच्छी बात हैं भाई की ऐसा खाना होटल मे नहीं मिलेगा । मैंने विजय से पूछा भाई क्या आप कॉफी पियोगे , तो विजय ने मना कर दिया ओर कहा आप लेलों मेरी अभी इछा नहीं हैं । मैंने एयर होस्टेस को बोला जो हमारे बगल मे किसी को कॉफी दे रही थी । मैडम PLEASE GIVE ME ONE COFFEE मैडम एयर होस्टेस ने कहा OK WAIT बोलकर उन्होने मुझसे 5 मलेशिया रुपए मांगे मैंने पूछा Madam , What India rupees will work एयर होस्टेस  ने कहा YES Sir मैंने उनको 500 का भारतीय नोट दिया , 500 का नोट लेकर एयर होस्टेस ने मुझे कॉफी दी ओर बाकी के रुपये मुझे उसने मलेशिया के नोट दिये जो इस प्रकार थे ।


मैंने ये नोट उनसे लिए ओर अपनी जेब मे बिना गिने रख लिए । ओर फिर मैंने कॉफी का बरपुर आनंद लिया , जैसे ही कॉफी समाप्त हुई एयर होस्टेस ने सबको अपनी सीट बैलट लगाने को बोला ,हमार जहाज मलेशिया के एयरपोर्ट पर उतारने वाला था .इस लिए सबको अपनी सीट बैलट लगाने के लिए एयर होस्टेस बार - बार बोल रही थी । हमारा जहाज Kuala Lumpur Malaysia एयरपोर्ट पर मलेशिया के समय अनुसार  7:00 am ओर भारतीय समय अनुसार 5:00 am उतार गया था । मलेशिया का समय भारत से 2:30 घंटे आगे हैं । जैसे ही हम Kuala Lumpur एयरपोर्ट पहुंचे वहाँ हम इमिग्रेशन लाइन मे लग गए 40 मिनिट मे  हमार इमिग्रेशन हुआ ओर हम बैग उठाकर बाहर जाने लगे । तभी अचानक श्री अतर सर मिले ओर मैंने उनको नमस्ते बोला सर   
सर ने मेरा नमसकर स्वीकार किया ओ। मैंने सर से आग्रह किया , कि सर एक फोटो आपके साथ होजाए । सर  मान गए ओर हम दोनों के साथ फोटो खिचवाए । उन फोटो को मैं यहाँ दिखा रहा हूँ ।

 


Kuala Lumpur Malaysia  एयरपोर्ट पर बस हमे लेने आई हम बस के द्वारा अपने होटल के रवाना हुए । बस बहुत ही अच्छी थी । Fully A /C  बैठने के लिए सीट आरामदायक थी । इस तरह कि बस मे मैं पहली बार बैठ था , बस कि कितनी भी तारीफ करूँ वो भी कम पड़ेगी । हवाई जहाज मे भी ऐसी सीट नही थी जो बस मे थी । एयरपोर्ट से होटल जाने के लिए हमने 5 घंटे का सफर किया .5 घंटे तक हमारी पूरी टीम ने मोजमसती की । हम सब सफर का मजा गाने गाकर ले रहे थे । 3 घंटे बाद बस एक रेस्टोरेन्ट पर 20 मिनिट के लिए रुकी , हमने वहाँ चाय ओर बिस्केट लिए । हम दोनों ने चाय ओर बिस्केट खाकर बस मे थोड़ा आराम किया । जब सभी लोगो का नस्ता हो गया ,तो बस फिर होटल की तरफ चल दी , चाय ओर बिस्केट खाने के बाद हमारी टीम मे ओर जोश  आ गया ओर फिर से गाना गाने लगे , 2:30 घंटे के बाद हम अपने होटल पहुंचे । होटल काफी अच्छा था । EVERGREN LAUREL HOTEL उसका नाम था , जो समुंदर के किनारे था । 

हमने वहाँ अपने रूम की चाबी के लिए काफी देर अक इंतजार किया , हमे 10:00 am पर रूम की चाबी मिली ओर हम अपने रूम मे चले गए । होटल की तस्वीर मैं यहाँ दिखा रहा हूँ । 

EVERGREEN LAUREL HOTEL ( PENANG )

होटल काफी अच्छा था  ऊमीद से ज्यादा । क्या रूम था , वाकई मे लाजवाब था । 

EVERGREEN LAUREL HOTEL ROOM 

ये हमारे रूम का फोटो हैं । इतना शानदार था की रूम से बाहर निकालने का मन ही नहीं कर रहा था । इतने  शानदार होटल मे मैं कभी नहीं गया था । हर किसी चीज की सुविधा लाजवाब थी ।  हमने कुछ देर तक रूम मे आराम किया , उसके बाद हम दोनों ने स्नान किया । स्नान करने के बाद हम कही घूमने के लिए अपने रूम से निकले । होटल के बाहर आते ही हम पेनांग शहर मे घूमने के लिए चले गए । पेनांग शहर बहुत ही खूबसूरत हैं । पेनांग की जितनी भी तारीफ की जाए बहुत कम हैं । पेनांग कि सदको पर नए नए लोग दिखने लगे । मुझे ऐसा लग रहा था  कि वहाँ कि ऊंची - ऊंची  इमारते जैसे कि मेरा स्वागत कर रही है । पेनांग शहर मे काफी नियंत्रित यातायात हैं । पैदल चलने वालों को प्राथमिकता दी जाती हैं । कोई भी गाड़ी कितनी भी तेज क्यों न जा रही हो ,अगर पैदल चलने वालो को सड़क पार करनी हो तो वहीं रुक जाती थी ओर पैदल यात्री आराम से सड़क पार कर जाते थे । पेनांग कि खास बात तो ये थी कि किसी भी गाड़ी को मैंने होरन बजते नहीं देखा । ज्यादातर वहाँ के लोग किराए कि साइकिल से सफर करते हैं । पूरे पेनांग शहर मे काफी जगह ऐसे साइकिल स्टैंड मिल जाएंगे । 

साइकिल स्टैंड 

यहाँ लड़कियां लड़को से ज्यादा दिखती हैं ,यहाँ लड़के लोग फालतू घूमना पसंद नहीं करते "ये मेरी अपनी राय हैं "  यहाँ के लोग समय को खराब नहीं करना 
चाहते अपने काम को पूरी ईमानदारी से करते हैं । 
वाकई मे पेनांग शहर अपने आप मे अद्भुद हैं । पेनांग शहर मे हम ज्यादा नहीं घूम पाये , हम पेनांग मे घूमने के लिए नई आए थे बल्कि एक बिजनेस कोंफ़्रांस के लिए आए थे । इसीलिए हमे ज्यादा समय घूमने के लिए मिला नहीं । हम ज्यादा न घूमकर अपने होटल वापिस आ गए । ओर अपने रूम मे हम चले गए ओर खाना खाकर हम सो गए । अगले दिन हम सुबह 5:00 am पर उठ गए ,हमने स्नान किया ओर नास्ते के लिए हम नीचे हॉल मे चले गए । 


सुबह 6:00 बजे हम नास्ता करके अपनी  बस मे बैठ जाते थे ,जो हमे एरीना मे ले जाने के लिए आती थी । हमे एरीना जाने मे लगभग 40-50 मिनिट लगती थी । एरीना मे जाने के बाद मैंने ओर विजय ने वहाँ जो दूसरे देशो के लोगो के साथ फोटो खींचे , इस बिसिनेस कोंफ़्रांस के लिए 128 से भी ज्यादा देशो से लोग आए हुए थे । मैंने यहाँ सिर्फ अपना फोटो  ही दिखाया हैं , जो मैं उस समय पहले दिन एरीना मे था । 

एरीना फोटो 

एरीना चकाचक भरा हुआ था , 128  से भी ज्यादा देशो से 18000 लोग आए हुए थे । यहाँ मैं उन लोगो का फोटो दिखा रहा हूँ , जिनके साथ हमने कुछ फोटो खींचे थे । 

 


मैं यहाँ ज्यादा फोटो नहीं दिखा रहा हूँ । ये फोटो हमारी एरीना मे जाने से पहले की हैं । एरीना मे हमारी बिसिनेस कोंफ़्रांस सुबह 10:00 am से 01:30 pm तक चलती थी , 7 दिन की हमारी बिजनेस कोंफरस बहुत ही लाजवाब रही । हमे बहुत कुछ सीखा । एरीना से होटल हम 02:30 बजे पहुचते थे । ओर फिर अगले दिन हम सुबहा 05:00 am पर उठ जाते थे , ओर स्नान करके हम नास्ते के लिए नीचे हाल मे नास्ता करके अपनी बस मे बैठ जाते थे । ये कार्यकर्म 7 दिनो  तक चला , 7 दिनो तक हमारी नींद गायब हो गयी थी , 7 दिन बीतने के बाद हम इंडिया वापिस आने के लिए, 28-04-2019 को  मलेशिया के एयरपोर्ट पर आए ओर हम अपनी Flight मे 06:45 pm पर बैठ गए थे । 




Comments

Popular posts from this blog

ध्यान (क्रिया)

"मेरी दूसरी विदेश यात्रा थाईलैंड ( बैंकॉक )"