समस्याओं से संघर्ष

समस्याओं से संघर्ष हर मनुष्य सफल होना चाहता है और सफलता के लिए जरूरी है समस्याओं से संघर्ष। समस्याओंरूपी चुनौतियों का सामना करने, उन्हें सुलझाने में जीवन का उसका अपना अर्थ छिपा हुआ है। समस्याएं तो एक दुधारी तलवार होती हैं, वे हमारे साहस, हमारी बुद्धिमत्ता को ललकारती हैं और दूसरे शब्दों में वे हम में साहस और बुद्धिमानी का सृजन भी करती हैं। मनुष्य की तमाम प्रगति, उसकी सारी उपलब्धियों के मूल में समस्याएं ही हैं। यदि जीवन में समस्याएं नहीं हों तो शायद हमारा जीवन नीरस ही नहीं, जड़ भी हो जाए। किसी ने सटीक कहा है कि- हर मुश्किल के पत्थर को बनाकर सीढ़ियां अपनी, जो मंजिल पर पहुंच जाए उसे 'इंसान' कहते हैं। बाबा आमटे ने भी एक जगह लिखा है- 'समस्याओं को आगे बढ़कर गले लगाइए, उसी तरह जैसे कोई जवां मर्द बैल से डरकर भागता नहीं, आगे बढ़कर उसके सींग पकड़ता है, उससे जूझता है, उस पर काबू करता है। हम सब में ऐसा ही उत्साह, ऐसी ही ललक, ऐसी ही बुद्धि होनी चाहिए, समस्याओं से जूझने के लि...