साहस ओर लगन

                                                             साहस ओर लगन                                            

दोस्तों साहस हो तो सफल होने के साधन भी मिल जाते हैं । बहुत बार लोगो के मन में यह प्रश्न उठता है कि साधन होने पर इंसान साहसिक सफलताएं प्राप्त कर सकता है या अन्तःक्षेत्र में प्रचण्ड इच्छाशक्ति रहने पर अद्भुत कार्य कर सकने की क्षमता एवं सुविधा जुटा सकता है। 

मनुष्य पुरुषार्थ का पुतला हैउसकी शक्ति और सामर्थ्य का अन्त नहीं। वह बड़े से बड़े संकटों से लड़ सकता है और असम्भव के बीच सम्भव की अभिनव किरणें उत्पन्न कर सकता है शर्त यही है। कि वह अपने को समझे और अपनी सामर्थ्य को मूर्त रूप देने के लिए साहस को कार्यान्वित करे।

 लगन एक छोटा सा शब्द है लेकिन जिसे लग जाती है उसका जीवन बदल देती है !

जब भी हम किसी सफल व्यक्ति के बारे मे कभी पढ़ते हैं तो एक बात सभी में common मिलती है, कोई तो स्कूल ही नहीं गया और कोई गया तो फेल हो गया और आगे चलकर दुनियाँ में अपना नाम भी कर दिया । 

कभी सोचा है की जो लोग स्कूल में एग्ज़ाम पास नहीं कर पाते वो जीवन में कैसे सफल व्यक्ति बनते हैं।  सबका एक ही उत्तर निकलता है:- ''लगन'' उन लोगों को किसी एक चीज़ से ऐसी लगन हो जाती है कि उन्हें फिर दुनियाँ में और कुछ नहीं सूझता और अपनी उसी लगन और मेहनत के बल पर वो कुछ ऐसा कर जाते हैं जिसे दुनियाँ उन्हें कभी भुला नहीं सकती । 

आज मैं ऐसी ही एक व्यक्ति के बारे में बताने जा रहा हूँ जिनका नाम था रामानुजम”। 

रामानुजम सामान्य परिवार से थे और इसीलये इनकी प्रारंभिक शिक्षा भी बहुत ज़्यादा अच्छे से नहीं हुई| गणित विषया में इनकी इतनी रूचि थी कि इन्हें उसके अलावा कुछ समझ ही नहीं आता था नतीज़ा ये हुआ की ये स्कूल में फेल हो गये और पढ़ाई छोड़ दी लेकिन कहा जाता है:- जुनून जब हद से गुजरता है, तो जन्म होता है रामानुजन जैसी शख्सियत का| इन्होने हार नहीं मानी और दिन रात मेहनत करके नये नये मेथ्स के फार्मूले बनाए| इनके गणित के सूत्र इतने जटिल हैं कि गणित मे ही नहीं ये आज कल टेक्नालजी में भी use किए जाते हैं |

इनके जीवन की एक घटना है, एक बार जब मास्टर जी क्लास में भाग विधि पढ़ा रहे थे।  मास्टर जी ने बोला अगर 3 केले 3 बच्चों मे बाँट दिए जाए तो प्रत्येक पर कितने केले आएँगे?, एक छात्र ने उत्तर दिया बिल्कुल सही, अब अगर 1000 केले 1000 बच्चों मे बाँटते हैं तो कितने आएँगे तभी रामानुजाम जी ने एक प्रश्न किया की अगर 0 केले 0 बच्चों में बाँटते हैं तो भी सब पर 1 ही केला आएगा क्या? पूरी क्लास उन्हें मूर्ख समझ कर हँसने लगी लेकिन मास्टर जी अवाक से रह गये। 

इस इतनी सी बात को सिद्ध करने में गणितज्ञों को सेकड़ों साल लगे कि 0/0= infinite होता है। 

ऐसे थे गणितज्ञ रामानुजाम, तो मित्रों लगन और मेहनत से इंसान कहीं भी पहुँच सकता है बस यही इस कहानी से सीख मिलती है । 


                       Athlete Chand Singh Rohilla


 

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